बुधवार, 26 सितंबर 2018

महिलाएं श्मशान क्यों नहीं जाती

हेलो फ्रेंड्स

मैं आनंद आज फिर से आप सब का स्वागत करता हूं और आज मैं लेकर आया हूं आप सब के लिए कुछ नया कुछ खास और कुछ इंटरेस्टिंग लेकर रोज की तरह ,तो चलिए ज्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए स्टार्ट करते हैं


दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं कि क्यों सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता और महिलाएं क्यों शमशान नहीं जाते दोस्तों आप सब जानते हैं कि हिंदू धर्म मैं ना जाने कितने ही रिती रिवाज और परंपराएं आपको बताना चाहूंगा कि इंसान के जन्म लेने से उनकी मृत्यु तक 16 संस्कार होते हैं और आखरी संस्कार को हम अंतिम संस्कार कहते हैं दोस्तों गरुड़ पुराण मैं हमें अंतिम संस्कार से जुड़े कई जानकारियां मिल जाएंगे जिसमें यह भी बताया गया है कि किसी मनुष्य के अंतिम संस्कार के 13 दिन के छूत के बाद घर का शुद्धिकरण किया जाता है!


दोस्तों आप लोगों ने देखा होगा कि कभी सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं होता इतना ही नहीं छेद वाले मटके में जल भरकर परिक्रमा क्यों की जाती है इन सब सवालों का जवाब मैं आपको आज इस पोस्ट में देने वाला हूं तो इन सभी जानकारी के लिए आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें गरुड़ पुराण के अनुसार सूर्यास्त के बाद कभी भी दाह संस्कार नहीं किया जाता क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करने से मृतक व्यक्ति की आत्मा को परलोक में कष्ट भोगना पड़ता है और यह भी माना जाता है कि अगले जन्म मैं उसे किसी अंग में दोष हो सकता है इसीलिए हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार नहीं किया जाता है! किसी की मृत्यु अगर रात के वक्त हो जाती है तो उसका दाह संस्कार अगली सुबह ही किया जाता है !


दोस्तों अगर आप लोगों ने कभी ध्यान दिया होगा तो आप लोगों ने देखा होगा कि छेद वाली मटकी में जल भरकर शब की परिक्रमा की जाती है और फिर मटके को पटक कर तोड़ दिया जाता है क्या आपने कभी सोचा ऐसा क्यों किया जाता है तो चलिए मैं आपको बताता हूं गरुड़ पुराण के अनुसार माना चाहता है कि ऐसा करके मृतक के शरीर से आत्मा का मोह भंग किया जाता है और यह भी माना जाता है कि मनुष्य का जीवन इस मटकी की तरह मृत होता है जिस में भरा पानी हमारा समय होता है इसका मतलब है कि या आयु रूपी पानी हर पल टपकता रहता है और अंत में मनुष्य सब कुछ छोड़कर परमात्मा के पास चला जाता है!


देखा होगा की अंतिम संस्कार में महिलाएं शामिल नहीं होती ऐसा क्यों किया जाता है आपके दिमाग में यह सवाल जरूर आया होगा तो चले दोस्तों मैं आपको बता दूं गरुड़ पुराण के अनुसार अंतिम संस्कार का वक्त हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा होता है जहां औरतों का जाना सख़्त मना होता है अंतिम संस्कार के बाद पूरे घर के सफाई की जाती है जिससे नकारात्मक शक्ति घर मैं प्रवेश ना करें इसीलिए घर के कामों के लिए महिलाओं को घर पर रखा जाता है!


माना जाता है कि भूत प्रेत सबसे पहले महिलाओं को ही अपना निशाना बनाते हैं इसीलिए महिलाओं को शमशान नहीं ले जाया जाता हिंदू रिवाज के अनुसार जो भी व्यक्ति अंतिम संस्कार में जाता है उसे अपना बाल मुंडवा ना पड़ता है एवं गंजापन महिलाओं और लड़कियों को नहीं सुहाता इसलिए लड़कियों को अंतिम संस्कार में नहीं ले जाता  भी कहा जाता है कि महिलाएं बहुत नरम दिल की होती है वह किसी अपने की बिछड़ने के बाद अपना रोना रोक नहीं पाती और ऐसा करने से मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलती मृतक की आत्मा की शांति के लिए महिलाओं को शमशान नहीं ले जाया जाता!

 तो दोस्तों इसी तरह की और भी इंटरेस्टिंग जानकारी के लिए हमारे ब्लॉक से जुड़े रहें

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